चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा को लेकर अंतिम तैयारी शुरू कर दी है. मंगलवार को आयोग ने बिहार के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की. चुनाव आयोग ने विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्य के सभी कमिश्नर, आईजी, डीआईजी, डीएम, एसएसपी–एसपी के बैठक की.
ईसी ने मांगी अधिकारियों से तैयारियों की रिपोर्ट
इस बैठक में राज्य के अधिकारियों की तैयारियों की रिपोर्ट चुनाव आयोग ने ली है. अधिकारियों के रिपोर्ट से चुनाव आयोग संतुष्ट नजर आई. बैठक में 243 विधानसभा सीटो के सभी बूथ का ब्यौरा ईसी ने लिया है. बैठक के दौरान आयोग ने लिखित तौर पर केंद्रीय सुरक्षा बल संख्या और उनकी तैनाती को लेकर जानकारी मांगी है.
मंगलवार को हुई बैठक में सेंसिटिव बूथ की रिपोर्ट भी आयोग ने ली, सेंसिटिव पोलिंग बूथ पर वोटिंग के समय को लेकर भी चर्चा की गई. उम्मीद है कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी के साथ 4 और 5 अक्टूबर को बिहार का दौरा करेंगे. इस दौरान आयोग की टीम राज्य में प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्थाओं की फिर से समीक्षा करेगी, जो कमियां रह गईं हैं, उसे पूरा करने का निर्देश दिया गया है.
बिहार में तीन से चार चरणों में हो सकते हैं चुनाव
बिहार दौरे के बाद, चुनाव आयोग के जरिए कुछ ही दिनों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा किए जाने की उम्मीद है. पिछली बार की तरह उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी बिहार में तीन से चार चरणों में चुनाव होंगे. हालांकि इस बार आयोग के सामने त्योहारों की चुनौती भी है, क्योंकि चुनावी मौसम के साथ-साथ दिवाली और छठ जैसे बड़े त्योहार भी पड़ेंगे. मतदाताओं को किसी भी तरह की असुविधा से बचाने के लिए आयोग पहले से ही एहतियात बरत रहा है.
बिहार में विधानसभा चुनावों के इतिहास में भी चरणबद्ध मतदान हुआ है. 2020 में 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को तीन चरणों में चुनाव हुए थे. परिणाम 10 नवंबर को घोषित किए गए थे. 2015 में, पांच चरणों में चुनाव हुए थे, जबकि 2010 में छह चरणों में मतदान पूरा हुआ था. 2005 में, दो बार चुनाव हुए थे: फरवरी में तीन चरणों में और अक्टूबर में तीन चरणों में चुनाव हुए थे.
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