प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (31 अगस्त, 2025) को SCO समिट में हिस्सा लिया, जहां कई देश के प्रमुख मौजूद थे, लेकिन इस समिट में कुछ ऐसा हुआ, जिसे देख दुनिया हैरान रह गई. दरअसल SCO के मंच पर तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने पीएम मोदी से हाथ मिलाने की पहल की, जिसका पीएम मोदी ने स्वागत किया, जो भारत की शक्ति को दर्शाता है.
पाकिस्तान के साथ भाईचारा का रिश्ता निभाने वाला तुर्की, जिसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को ड्रोन और मिसाइल की सप्लाई की, आज भारत के साथ हाथ मिलाने के लिए बेताब हो रहा है. अब इस मंच की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.
भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने को बेताब तुर्की
इन तस्वीरों को देखकर ये अनुमान लगाया जा रहा है कि तुर्की की भारत के साथ हाथ मिलाने की बेताबी ये बता रही है कि तुर्की, भारत के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए अपनी पहल कर रहा है, लेकिन भारत उन देशों को माफ करने वाला नहीं है, जिसने उसके खिलाफ जाकर पाकिस्तान का साथ दिया.
हालांकि मंच पर हाथ मिलाने के बाद पीएम मोदी ने तुर्की के राष्ट्रपति की तरफ देखा भी नहीं और आगे बढ़ गए. चूंकि SCO मंच पर भारत मौजूद था, इसलिए नियमों के अनुसार, तुर्की के साथ हाथ मिलाने की पहल का स्वागत करते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाया.
चीनी राष्ट्रपति से आतंकवाद को लेकर बातचीत
भारत ने SCO समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात के दौरान ये साफ कहा है कि आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत को चीन का साथ चाहिए. भारत का सीधा निशाना चीन के दोस्त पाकिस्तान की ओर था.
SCO समिट मंच पर आने से पहले पीएम मोदी ने शी जिनपिंग के साथ 50 मिनट तक बातचीत की. बातचीत के बाद मोदी ने जिनपिंग को भारत में आयोजित ब्रिक्स 2026 में आने के लिए न्योता दिया. इससे पहले उन्होंने जिनपिंग के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी ने इसे वैश्विक मुद्दा बताया और साथ देने की मांग की.
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