इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ के एक जिम ट्रेनर द्वारा महिला के साथ दुर्व्यवहार के मामले में सुनवाई करते हुए गंभीर चिंता जाहिर की है. इस मामले पर हाइकोर्ट ने सख्ती जाहिर करते हुए सुनवाई की है.
वहीं अदालत ने सवाल उठाया है कि क्या मौजूदा समय में पुरुष जिम ट्रेनर महिलाओं को बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों के ट्रेनिंग दे रहे हैं. बता दें जिम ट्रेनर ने महिला के साथ अभद्रता और दुर्व्यवहार किया जिसके बाद महिला को धक्का देकर बाहर निकाल दिया गया था.
आखिर पूरा मामला क्या है?
29 अप्रैल 2024 को मेरठ के माधवपुरम स्थित एक जिम में महिला वर्कआउट कर रही थी. इसी दौरान जिम ट्रेनर नितिन सैनी ने महिला को जातिसूचक शब्द कहते हुए गाली दी और उसके साथ दुर्व्यवहार किया. आरोप है कि उसने महिला को बलपूर्वक धक्का देकर जिम से बाहर निकाल दिया.
इस घटना के बाद महिला ने 1 मई 2024 को मेरठ के ब्रह्मपुरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई. एफआईआर आईपीसी की धारा 354 और 504 के साथ-साथ एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(5) के तहत दर्ज की गई. इसके अलावा पीड़िता ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत कोर्ट में बयान दर्ज कराया. महिला ने यह भी आरोप लगाया कि अपीलकर्ता नितिन सैनी ने उसकी दोस्त आरती के अश्लील वीडियो बनाए और पिछले कई महीनों से उसे अश्लील सामग्री भेज रहा था.
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान क्या कहा?
जस्टिस शेखर कुमार यादव की एकलपीठ ने नितिन सैनी की क्रिमिनल अपील पर सुनवाई की. अदालत ने कहा कि यह स्थिति बेहद चिंताजनक है कि पुरुष ट्रेनर महिलाओं को पर्याप्त सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित किए बिना ट्रेनिंग दे रहे हैं.
कोर्ट ने ब्रह्मपुरी थाने के जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वह एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करें, जिसमें यह स्पष्ट हो कि जिम विधिवत पंजीकृत है या नहीं, आरोपी ट्रेनर नितिन सैनी की गिरफ्तारी हुई है या नहीं, जिम में महिला प्रशिक्षक मौजूद हैं या नहीं.
इस मामले पर अगली सुनवाई कब?
हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 8 सितंबर 2025 तय की है. अदालत ने साफ किया कि महिलाओं के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार गंभीर आपराधिक श्रेणी में आता है और इस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
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